न्यूनतम मजदूरी के संबंध में प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन

न्यूनतम मजदूरी के संबंध में प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन

  • सभी शिकायतों के निपटान प्राथमिकता के आधार पर
  • श्रमिकों के लिए जागरूकता अभियान
  • श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी की दर में की ऐतिहासिक वृद्धि

 

  1. दिल्ली के श्रम मंत्री श्री गोपाल राय ने आज कहा कि दिल्ली सरकार न्यूनतम मजदूरी की नई दर के सख्त प्रवर्तन और अनुपालन के लिए बहुत गंभीर है, जिसके लिए प्रत्येक जिले में न्यूनतम मजदूरी के संबंध में निगरानी और निवारण के लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है।
  2. श्रम मंत्री ने कहा कि श्रम विभाग के जिला प्रमुखों को प्राथमिकता के आधार पर न्यूनतम मजदूरी का भुगतान न करने के संबंध में सभी शिकायतों के निपटान के लिए निर्देश दिया गया है और उनका निपटान समयबद्ध तरीके से करने का आदेश दिया गया है।

 

  1. जिला प्रमुखों को निर्देश दिया गया है कि उनके अंदर काम करने बाले श्रम निरीक्षक यह सुनिश्चित करें कि श्रमिकों को संशोधित दरों पर न्यूनतम मजदूरी का भुगतान हों और इसके लिए सभी तरह के प्रयास किए जायें ।

 

  1. नियोक्ता / कारखाने के मालिक / बाजार संघों के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन जिला उप-श्रम आयुक्तों द्वारा किया जा रहा है ताकि  मजदूरी की संशोधित दरों का भुगतान करने के लिए नियोक्ताओं को जागरूक किया जा सके और इसका उल्लंघन करने पर अभियोजन, चालान और दावों का दाखिल आदि के बारे में जागरूक हो ।

 

  1. सरकार डिफॉल्टर नियोक्ताओं पर विशेष रूप से न्यूनतम मजदूरी बिल / कानून के तहत  दंडात्मक प्रावधानों को भी लगा रहा है।

 

  1. विभाग ने 25 टवेरा गाड़ियां ली हैं। जिसे जिला श्रम कार्यालयों में तैनात किया गया है इसका उपयोग न्यूनतम वेतन को कार्यान्वित कराने के लिए कंपनियों के निरीक्षण के लिए किया जाएगा।
  2. जिला श्रम कार्यालय के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे छापे के दौरान पाई जानी वाली अनियमितता का चालान 6 दिन के भीतर दाखिल करें तथा इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजे।
  3. इसके अतिरिक्त जिला श्रम अधिकारी यह प्रयास करेंगे कि कर्मचारियों द्वारा न्यूनतम मजदूरी का एरियर क्लेम समय से दायर किया जाए और उनका निपटारा समयबत्द्ध रूप से हो।
  4. सभी जिला श्रम कार्यालयों को यह आदेश दिया गया है वे साप्ताहिक तौर पर कार्रवाई की रिपोर्ट (ATR) मुख्यालय को प्रेषित करें।

 

 

 

 

 

 

न्यूनतम मजदूरी:-

 

  • श्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार ने श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी की दर में 37% की ऐतिहासिक वृद्धि की है , अंतिम संशोधन वर्ष 1994 में किया गया था।
  • इससे लगभग 55 लाख श्रमिकों को लाभ होने की संभावना है।
  • नई दरें 03.03.2017 से प्रभावी हैं।
  • नई दरों के अलावा डी.ए. की भी घोषणा और यह 01.04.2017 से प्रभावी
  • श्रमिको के लिए हैल्‍प लाईन- निर्माण श्रमिकों के लिए एक हेल्‍प लाईन न. 155214 शुरू किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी तथा महंगाई भत्ते के संबंध में मजदूर और नियोक्ताओं को  जागरूक बनाने के लिए निम्न कदम :

1)  न्यूनतम वेतन तथा महंगाई भत्ते से संबंधित नोटिफिकेशन को श्रम विभाग की वेवसाईट पर अपलोड करने के साथ इसे कंपनी मालिक एसोसिएशन, पीएचडी चेम्बर आफ कामर्स, एसोचैम, डीएमआरसी, सीआईआई, इत्यादि को भेजा जा चुका है।

2)  लोगों को इसके बारे में जागरूक करने के लिए विभिन्न समाचार पत्रों द्वारा इसे प्रचारित किया जाएगा।

3)  मजदूरों को इस बाबत जागरूक बनाने के लिए विशेष संदेश विभिन्न एफ एम चैनलों पर सुनाया जाएगा।

4)   जिला स्तर पर श्रम विभाग के अधिकारी संबंधित क्षेत्रों में कर्मचारियों/मालिकों के विभिन्न यूनियनों के साथ बैठकें की जा रही हैं।

5)  मजदूरों को जागरूक करने के लिए विभिन्न श्रेणी के श्रमीकों के न्यूनतम वेतन तथा महंगाई भत्ते  में बढ़ोत्तरी से संबंधित होर्डिग विभिन्न औधोगिक क्षेत्रों और मजदूर कैम्पों  में लगाई जा रही है।

6)  एक श्रमिक हेल्पलाईन नम्बर 155214 जारी किया गया है जिसपर कोई श्रमिक/ मजदूरी न्यूनतम वेतन से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

 

 

 

दिल्‍ली सरकार दिल्‍ली के संगठित तथा असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों द्वारा अपने परिवारों का भरण-पोषण करने तथा अपनी जरूरतों को पूरा करने हेतु आ रही समस्‍याओं के लिए संवेदनशील रही है।  न्‍यूनतम मजदूरी में वृद्धि के लिए मजदूर यूनियन व अन्‍य सामाजिक संस्‍थाएं समय-समय पर मांग करती रही हैं।  इन्‍हीं समस्‍याओं का ध्‍यान में रखते हुए दिल्‍ली सरकार ने 70वें स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर  दिल्‍ली में न्‍यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाने का निर्णय लिया था ।

मजदूरों के कल्याण तथा उनकी मांगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने न्यूनतम वेतन सलाहकार समिति (Minimum Wages Advisory Committee) का गठन किया। इस कमेटी की 9 मीटिंग हुई और कमेटी ने एक वैज्ञानिक आधार पर (1)अंतर्राष्‍ट्रीय श्रम सम्‍मेलन 1957 द्वारा निर्धारित मापदंडों और (2)रेप्‍टाकॉस ब्रैट एंड कंपनी के केस में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आदेश के आधार पर न्‍यूनतम मजदूरी संशोधित करने के लिए एक प्रक्रिया अपनाई। कमेटी की दो टीमों (कामगार यूनियनों एवं नियोक्‍ताओं के प्रतिनिधि )ने स्‍वतंत्र रूप से मार्केट सर्वे किया और खाद्य पदार्थों एवं अन्‍य वस्‍तुओं के मूल्‍यों के आधार पर न्‍यूनतम मजदूरी की गणना की। दोनों कमेटियों द्वारा न्‍यूनतम मजदूरी की संशोधित दरों में काफी अंतर था। इस लिए श्रम विभाग ने माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के निर्देशों के आधार पर (1) खाद्य पदार्थों, (2) कपड़ा, (3) आवास, (4) प्रकाश एवं ईंधन और (5) शिक्षा पर होने वाले खर्च को ध्‍यान में रखते हुए न्‍यूनतम मजदूरी की दरों में वृद्धि निर्धारित की।खाद्य पदार्थों के लिए दरों का आधार केन्‍द्रीय भंडार को और कपड़े के लिए दरों का आधार खादी ग्रामोद्योग को बनाया गया।

गहन चर्चा के बाद समिति ने अपनी सिफारिशें श्रम आयुक्त को भेजी  जिन्हें माननीय उपराज्‍यपाल महोदय के पास स्‍वीकृति हेतु भेजा गया।

उपराज्यपाल महोदय की स्वीकृति के बाद दिल्‍ली सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए न्‍यूनतम मजदूरी दरें बढ़ाई हैं। इस वृद्धि के बाद दिल्‍ली की न्‍यूनतम मजदूरी दरें सभी अन्‍य राज्‍यों की अपेक्षा सबसे अधिक है। यह निर्णय दिनांक 3 मार्च, 2017 से लागू हो गया है।

श्रेणीपहले मिलने वाली मजदूरी  3 मार्च 2017 से

बढ़ी हुई न्‍यूनतम मजदूरी

1 अप्रैल 2107 से

महंगाई भत्ता लगने के बाद वेतन

अकुशल श्रमिक

(रू. प्रति माह )

9,724/-

 

13,350/-

(513/-रू प्रतिदिन )

13,350+ 234 = 13584/-

(522/-रू प्रतिदिन )

अर्द्धकुशल  श्रमिक

(रू. प्रति माह )

10,764/-14,698/-

(565/-रू प्रतिदिन )

14,698+ 260= 14958/-

(575 /-रू प्रतिदिन )

कुशल श्रमिक

(रू. प्रति माह )

11,830/-16,182/-

(622/-रू प्रतिदिन )

16,182+ 286=16468/-

(633/-रू प्रतिदिन )

स्‍नातक और उससे उपर

(रू. प्रति माह )

12,  870/-17,604/-

(677/-रू प्रतिदिन )

17,604+312= 17916/-

(689/-रू प्रतिदिन )

 

महंगाई भत्‍ते की अगली किश्त  1/10/2017 से देय होगी।