उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं द्वारा जैन दीक्षा स्वीकार करना गौरवपूर्ण घटना – आचार्य लोकेश

शाह डिटोरियम में दीक्षार्थी अभिनन्दन समारोह का भव्य आयोजन

उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं द्वारा जैन दीक्षा स्वीकार करना गौरवपूर्ण घटना – आचार्य लोकेश

 

नई दिल्ली: दिल्ली गुजराती स्थानकवासी संघ द्वारा प.पू. आचार्य डॉ लोकेश मुनिजी विवेक मुनिजी के सान्निध्य में शाह ओडिटोरियम में दीक्षार्थी अभिनन्दन समारोह आयोजित हुआ। उल्लेखनीय है कि दीक्षार्थी मितुल भाई (I.T.Engineer), अखिलभाई (HSC), डॉ पूजाबेन (MBBS), तन्वीबेन(CA)  सहित  7 भाई बहिन 14फ़रवरी को राष्ट्रसंत गुरूदेव नम्रमुनिजी के सान्निध्य में मुम्बई में दीक्षा ग्रहण करेंगे।

अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डा. लोकेश मुनि ने कहा कि भौतिक एवं उपभोक्तावादी संस्कृति के युग में युवाओं द्वारा जैन भागवती  दीक्षा ग्रहण करना  आश्चर्य का विषय है| इन युवाओं द्वारा संसार की तमाम भौतिक सुख सुविधा एवं धन दौलत को छोड़कर संयम का मार्ग स्वीकार करना युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति पर आधारित  संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देगा| उन्होंने जन्म देने वाले माता पिता तथा दीक्षा के लिए प्रेरित करने वाले राष्ट्रसंत गुरूदेव नम्रमुनिजी की सराहना करते हुए कहा इससे जैन शासन की प्रभावना होगी| आचार्य  लोकेश ने बड़ी संख्या में उपस्थित जैन समाज को आह्वान किया कि वे इस घटना से प्रेरणा लेकर कोई न कोई त्याग, संकल्प अवश्य ग्रहण करें तभी  सही मायने में दीक्षार्थियों का सम्मान होगा|

आचार्य लोकेश मुनि ने कहा कि अहिंसा विश्व भारती संस्था  ने पिछले वर्ष भारतीय संसद प्रांगण में दीक्षार्थियों का सम्मान समारोह आयोजित किया था और इस वर्ष दिल्ली के राज भवन में दीक्षार्थियों का सम्मान समारोह आयोजित करने जा रहे है यह जैन समाज के लिए गौरव का विषय है|  श्री विवेक मुनि ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दीक्षा ग्रहण करना अंधकार से प्रकाश की ओर, असंयम से संयम की ओर, भौतिकता से अध्यात्म की ओर प्रस्थान करना है|

इस अवसर पर दिल्ली गुजराती स्थानकवासी संघ, अखिल भारतीय जैन कांफ्रेंस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री सुभाष  ओसवाल, जैन समाज के वरिष्ठ नेता श्री राज कुमार जैन ओसवाल, श्री कमल जैन, श्री सुबोध जैन, श्री रमेश जैन, श्री वीर जैन, श्रीमती अनीता जैन,   ने दीक्षार्थियों का दिल्ली जैन समाज की ओर से अभिनन्दन करते हुए कहा कि एक ओर जहाँ समाज में भोग विलास की संस्कृति बढ रही है वहा सांसारिक सुखों का त्याग कर  उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं का जैन दीक्षा ग्रहण करना एक अभुतपूर्व  घटना है   |